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तेरा प्यार

 है यह कैसा प्यार तेरा  वक़्त की धार पर जो टीका वक़्त जो यूं बढ़ता चला दूर आपको हमसे यह करता चला सोचा नहीं था होगा मोहताज यह इश्क इस वक्त वक़्त वक़्त के दरिया ने तो बदल दिया नजरिया हमारे अक़्स का यह अक्स भी हमारा हमसे यह पूछने लगा क्या आज भी दिल यह उनका  हमारे लिए धड़कने लगा रूबरू जो उनसे हो तो लब्ज़ भी खोने लगे सोच के बातें तेरी ना जाने क्यों हम रोने लगे दिल की बातें ,दिल ही जाने  दिल में ही हम छुपाने लगे ख्वाब तेरे साए वोह बनके  क्यों हमे सताने लगे - रश्मि

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